नंदा गौरा योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, बेटी के जन्म पर 11,000 रुपये और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 51,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना है।
नंदा गौरा योजना के उद्देश्य
नंदा गौरा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना: इस योजना के माध्यम से बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- लिंग समानता को प्रोत्साहित करना: बेटियों के जन्म और शिक्षा पर आर्थिक सहायता प्रदान करके समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
- आर्थिक सहायता प्रदान करना: गरीब परिवारों की बेटियों को वित्तीय सहायता देकर उनकी शिक्षा और विवाह में आने वाली आर्थिक बाधाओं को कम करना।
- बाल विवाह की रोकथाम: बेटियों को 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करके बाल विवाह की प्रवृत्ति को कम करना।
- महिला सशक्तिकरण: बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करना।
- स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार: संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करके मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाना।
- समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना: बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाकर उन्हें समान अवसर प्रदान करना।
नंदा गौरा योजना: विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
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योजना का नाम | नंदा गौरा योजना |
घोषणा की गई | 2024 |
राज्य | उत्तराखंड |
किसने शुरू की | उत्तराखंड सरकार |
लाभार्थी | उत्तराखंड की आर्थिक रूप से कमजोर बेटियां |
उद्देश्य | बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना |
लाभ | जन्म पर ₹11,000 और 12वीं उत्तीर्ण करने पर ₹51,000 की आर्थिक सहायता |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन आवेदन (आधिकारिक वेबसाइट पर) |
आधिकारिक वेबसाइट | https://nandagaura.uk.gov.in/ |
संपर्क करें | स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र या महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग कार्यालय |
पात्रता मानदंड
नंदा गौरा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
- स्थायी निवासी: आवेदिका उत्तराखंड की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- आय सीमा: परिवार की मासिक आय 6,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- संस्थागत प्रसव: बेटी का जन्म सरकारी या निजी अस्पताल में हुआ हो; घर पर हुए प्रसव मान्य नहीं हैं।
- आवेदन की समय सीमा: बेटी के जन्म के 6 माह के भीतर प्रथम चरण के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
- परिवार में बेटियों की संख्या: एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही इस योजना का लाभ मिल सकता है।
- शैक्षणिक योग्यता: द्वितीय चरण के लिए, बेटी का 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- अविवाहित स्थिति: द्वितीय चरण के लाभ के लिए, बेटी का अविवाहित होना आवश्यक है।
योजना के फायदे
नंदा गौरा योजना के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- आर्थिक सहायता: बेटी के जन्म पर 11,000 रुपये और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 51,000 रुपये की सहायता राशि।
- शिक्षा में प्रोत्साहन: बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- लिंग समानता: बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
- आर्थिक बोझ कम करना: परिवारों को बेटियों की शिक्षा और विवाह में आने वाली आर्थिक चुनौतियों से राहत मिलती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने से मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- महिला सशक्तिकरण: बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करना।
- समाज में सकारात्मक परिवर्तन: बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाकर उन्हें समान अवसर प्रदान करना।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://nandagaura.uk.gov.in/ पर जाएं।
- आवेदन पत्र भरें: होमपेज पर उपलब्ध आवेदन पत्र को सही जानकारी के साथ भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई प्रतियां अपलोड करें।
- सबमिट करें: सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदन सबमिट करें।
- प्रिंटआउट लें: आवेदन की एक प्रति भविष्य के संदर्भ के लिए प्रिंट कर लें।